क्या है प्रधानमंत्री कुसुम योजना और कैसे होगा इस योजना का फायदा ?
प्रधानमंत्री कुसुम योजना का दूसरा नाम “किसान ऊर्जा सुरक्षा” एवं “उत्थान महाअभियान योजना” ऐसा हैं।
लेकिन साधारण शब्दों में इसे प्रधानमंत्री कुसुम योजना कहते हैंं। यह योजना खास करके किसानों के लिए और ग्रामीण विभागों में रहने वाले लोगों के लिए बनाई गई हैं इस योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों की तरक्की और ऊर्जा निर्मिती हैं।

हम सब जानते हैंं। किसानों को खेती करते समय ऊर्जा की जरूरत होती हैं। यह उड़ जावे मोटर पंप हल यानी अन्य गई वस्तु के लिए ऊर्जा खर्च की जाती हैं यह ऊर्जा उन्हें पानी बिजली और अन्य कई चीजें लगती हैं। और ग्रामीण विभागों में ऊर्जा सही मात्रा में उपलब्ध नहीं रहती इसलिए वहा हमेशा बिजली कटौती होती रहती हैंं। इसकी वजह से किसानों का भारी मात्रा में नुकसान भी होता हैं।
क्योंकि ग्रामीण विभागों में बिजली 12 घंटे नहीं आती और किसानों को वक्त पर फसलों को और उनके लगाए गए वनस्पतियों को सही मात्रा में पानी और वक्त पर पानी ना देते आते हुए उनका भारी मात्रा में नुकसान होता हैं और किसानों का नुकसान या ने सरकार के अर्थव्यवस्था पर भारी मजा आता हैं। यह नुकसान कम कैसे करते हैंं। इसके बारे में विचार करने के बाद यह योजना शुरू की गई।
सही मात्रा में बिजली न होने के कारण किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ता हैं। या नुकसान कम करना और उन्हें सही मात्रा में बिजली ऊर्जा उपलब्ध करके देना यह सरकार का कर्तव्य हैं।
इसी वजह से इस योजना का नाम कुसुम योजना पड़ा कुसुम यानी एक महत्वपूर्ण योजना जो किसानों के लिए यानी भारत के मुख्य वर्ग जो ज्यादातर खेती करता हैं उनके लिए यह योजना बनाई गई हैं उन्हें कम दाम में और सही मात्रा में बिजली उपलब्ध करा देना योजना का मुख्य लक्ष्य एवं लक्ष्य हैं।
कैसे और क्यों हुई शुरुआत प्रधानमंत्री कुसुम योजना की ?
किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान यानी कि कुसुम योजना की शुरुआत 2018 और 2019 के आर्थिक बजट में की गई थी प्रधानमंत्री कुसुम योजना का मुख्य उद्देश्य किसानों को किसानो को आय अर्जित कर (आय मतलब उर्जा )उपलब्ध कर खेतों में सौर पंप चला कर और बंजर भूमि का उपयोग सौर उत्पादन करने के लिए यह योजना एक महत्वपूर्ण योजना साबित हुई हैं।

इस योजना में बंजर भूमि पर सौर यानी सूर्य निर्मित बिजली पर चलने वाली सामग्री लगाकर ऊर्जा तैयार की जाती हैं यह ऊर्जा खेतों में लगने वाले पंप और अन्य कई सामग्रियों को उपयुक्त साबित होती हैं। सौर पर चलने वाली सामग्री उपलब्ध कराकर उनका उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना यह योजना का एक उद्देश्य हैं
किसान योजना को भारत सरकार की तरफ से 1.4 लाख करोड़ की निधि उपलब्ध करके दी गई हैं । जिसमें से सट्टा 48000 करोड खर्चा केंद्र सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करेगा। ज्यादातर खर्चा केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा सूर्य पर चलने वाले बिजली से भारत सरकार को कई मात्रा में फायदा हो सकता हैं क्योंकि सौर से मिलने वाली ऊर्जा यह और कम दाम में होती हैं।
सूर्य एक हमारा ऐसा एक स्रोत हैं जो हमेशा सूर्य प्रकाश से हमें बिजली यानी कि ऊर्जा प्राप्त करके देता हैं ऊर्जा मुक्त होती हैं। इसकी वजह से इसका रूपांतर अपने इलेक्ट्रॉनिक उर्जा में करना जरूरी होता हैं इससे सौर से मिलने वाली ऊर्जा का रूपांतर मैकेनिकल कुरजा में किया जाता हैं और मैकेनिकल ऊर्जा का रूपांतर इलेक्ट्रॉनिक किया जाता हैं।
इलेक्ट्रॉनिक ऊर्जा हमें अन्य कई यंत्रों सामग्रियों में उपयुक्त साबित होती हैं इस ऊर्जा से हम अपने सामान्य जीवन में लगने वाले हर एक यंत्र का उपयोग इस ऊर्जा के सहारे कर सकते हैंं। लेकिन यह योजना केवल किसानों के लिए उपलब्ध करके दी गई हैंं।
सामान्य व्यक्ति के लिए सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा का उपयोग करके देने के लिए दूसरे की योजना तैयार की गई थी। किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना साबित होती हैं क्योंकि इससे मिलने वाली ऊर्जा उन्हें लंबे समय के लिए उपयोग में लाई जाती हैंं।
इसके वजह से उनके न बिजली न होने के कारण होने वाले नुकसान से वह बस जाते हैंं। और यह ऊर्जा और बहुत ही कम दामों में मिलने के कारण उन्हें इससे फायदा भी होता।
प्रधानमंत्री कुसुम योजना के फायदे क्या है ?

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- कुसुम योजना भारत सरकार की 400000 करोड़ की एक योजना हैं जिसके अंतर्गत किसानों की सहायता के लिए 2825 मेगावाट तक सौर ऊर्जा यानी कि सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा उपलब्ध करके दी जाएगी और उसके निर्णय को बढ़ावा दिया जाएगा।
- प्रधानमंत्री कुसुम योजना के अंतर्गत बंजर भूमि पर सौर ऊर्जा प्रकल्प स्थापित कर कर उसके बिजली पर सर प्लस और उनको किसान ग्रेड का आपूर्ति कर आर्थिक लाभ मिल सकता हैं।
- सूर्य प्रकाश से मिलने वाली ऊर्जा का रूपांतरण ऊर्जा में करने के बाद यह ऊर्जा बिजली वितरण कंपनियों को 5 सालों तक बिजली खरीदने के लिए 50 पैसे इकाई की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
- किसानों को सौर पंप में खरीदने के लिए 500000 की सब्सिडी प्रदान की जाएगी और केंद्र और राज्य प्रत्यक्ष और पं पर 30 तक का सब्सिडी प्रदान करेगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों में 500 किलोवाट से लेकर 2 मेगावाट तक के नवीकरण ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे जो ग्रेड से जुड़े होंगे।
- ग्रामीण विकास विभाग मैं जल पंप लगाए जाएंगे जिससे किसानों को सिंचाई में आवश्यकता के अनुसार ऊर्जा उपलब्ध होगी।
- इस योजना से ना केवल किसानों को खेती करने में लाभ होगा बल्कि उन्हें अपने ग्रामीण विभागों में विकास करने के लिए भी मदद होगी जैसा कि हम सब जानते हैंं। ग्रामीण विभागों में ज्यादातर बिजली ना होने के कारण अंधेरा रहता हैं और वहां कोई और दूसरे सुविधा ना होने के कारण उन्हें अंधेरे में गुजारा करना पड़ता हैं सौर यंत्र लगाने से ग्रामीण विभागों में बिजली का चले जाना इससे उन्हें छुटकारा मिल सकता हैं।
सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन देना यहां हम सबकी जिम्मेदारी हैं क्योंकि सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा मुक्त होती हैं और वह उस ऊर्जा का उपयोग करके हम अपने पर्यावरण का संरक्षण भी कर सकते हैंं।
भारत सरकार पर्यावरण संरक्षण के बारे में ज्यादा गंभीरता से विचार करता हैं और बिजली दूसरे अन्य स्रोत से मिलने से पर्यावरण को भारी मात्रा में नुकसान भी होता हैं सूर्य से मिलने वाली ऊर्जा हमें आसानी से प्राप्त होती हैं और यह बहुत मात्रा में उपलब्ध होने के कारण इसका उपयोग करना आसान होता हैं इसकी वजह से ऊर्जा प्राप्त होती हैं।