चलिए जानते है नवसंजीवनी योजना के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
हेलो दोस्तों वेब रफ्तार पर आपका स्वागत है। आज हम आपको भारत सरकार की एक नई और महत्वपूर्ण योजना बताने वाले हैं। नवसंजीवनी योजना खास करके जंगलों में रहने वाले अथवा हम उन्हें आदिवासी भी कह सकते हैं इन जैसे लोगों के लिए खास करके बनाई गई है। हमने भूगोल पुस्तकों में इनके बारे में पड़ा है यह लोग ज्यादातर जंगल में रहना पसंद करते हैं। यह एक भारत का महत्वपूर्ण वर्ग गया है। इसीलिए भारत सरकार भारत सरकार की जिम्मेदारी है इन जैसे लोगों को अंशु सुख सुविधा प्रदान करें। जैसे कि पानी की सुविधा रहने की सुविधा स्कूल कॉलेज अस्पताल हिंदी से सुविधा आदिवासी लोगों के लिए उपलब्ध करके दे। उद्देश्य सामने रखकर भारत सरकार ने यह योजना बनाने का विचार किया और इस पर काम करना शुरू किया।

हाल ही में हुए कुछ हादसों के बाद इस योजना पर ज्यादा जोर दिया गया। यह योजना 1995 में शुरू की गई थी लेकिन भारत अपने ही व्यक्तिगत उलझन में इतना फंसा हुआ था कि वह ऐसी योजना पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर नहीं पाया। 1992 में हुए पाकिस्तान हमले की वजह से और चीन ने भी भारत पर आक्रमण करना शुरू कर दिया था। इसी वजह से भारत सरकार अपनी सुरक्षा को लेकर ज्यादा चिंतित होने का कारण इस योजना पर ज्यादा ध्यान नहीं गया। लेकिन जब यह सारी सुरक्षा समस्या खत्म होने के बाद भारत सरकार ने इस योजना पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया इस पर काम करना शुरू हो गया।
जैसा कि हम सब जानते हैं आदिवासी लोग खुलकर सामने नहीं आते और वह बाहरी दुनिया से संबंध में रखना नहीं चाहते इसीलिए वह अपने पुरानी परंपराओं कर लेकर जाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसीलिए वहां ज्यादा सुख सुविधाएं नहीं उपलब्ध होती। इसी वजह से आदिवासी लोग हमेशा पीछे रह जाते हैं। भारत सरकार की यह सोच है कि आदिवासी लोग भी भारत के नागरिक ही है उन्हें भी भारत के आम लोगों को मिलने वाली सारी सुख सुविधाएं मिलने चाहिए इसीलिए इस योजना का निर्माण किया गया जिससे इस योजना के माध्यम से आदिवासी लोगों को पानी आरोग्य इन जैसे सुविधा प्राप्त हो सके इससे उन्हें भी अच्छा जीवन व्यतीत करने में मदद हो।
कैसी रहा इस योजना का शुरवाती दौर ?
नवसंजीवनी योजना 22 जून 1995 में शुरू की गई थी। ऐसा क्या हमने पहले बताया उस समय भारतीय सुरक्षा की समस्या उत्पन्न होने के कारण इस योजना पर ज्यादा ध्यान नहीं गया। लेकिन सुरक्षा समस्या खत्म होने के बाद भारत सरकार ने तुरंत इस योजना पर अपना ध्यान केंद्रित कर दिया। योजना आदिवासी विकास मंत्रालय द्वारा संचालित की जाती है। जिससे वह इस योजना पर पूरी निगरानी इस पर हुए गए सारे खर्चे का हिसाब रख सके और इसके बारे में भारत सरकार को पूरी पूरी जानकारी आसानी से देख सके। आदिवासी विकास मंत्रालय यह भी ध्यान रखता है कि आदिवासी लोगों को आम जीवन में किस तरह शामिल कर सकें जिससे उन्हें रोजगार आरोग्य की सेवाएं अधिक मात्रा में और आसानी से मिलने में मदद हो।
चलिए जानते है की क्या है नवसंजीवनी योजना की विशेषताएं ?
नव संजीवनी योजना आदिवासी लोगों को पानी की सुविधा आरोग्य सुविधा और इस तरह की अन्य विभिन्न सुविधाओं को एकात्मिक वजह से शुरू कर सके और उन्हें एकत्रित लाकर उनकी प्रगति कर सकती है इस योजना का उद्देश्य है। शिवसेना का पहले से कोई सुनिश्चित ऐसा कोई भी प्लेन तैयार नहीं था जिससे क्या योजना अच्छी तरीके से उपयोग में ला सकें इसलिए इस योजना को अलग-अलग विभागों में बांटा गया। जिससे उन लोगों तक यह योजना आसानी से पहुंच सके।

इस योजना की शुरुआत करते हुए भारत सरकार ने पहले रोजगार कार्यक्रम पर अधिक ध्यान दिया देश में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना का महत्वपूर्ण भाग था। बाद में आरोग्य सेवा से निगम प्राथमिक आरोग्य विशेषक सुविधा आदिवासी लोगों के लिए शुरू कर दी गई । बाद में आदिवासी लोगों के लिए अच्छे और सच्चे पानी की सुविधा शुरू करने के लिए शुद्ध पानी एवं स्वच्छ पानी पीने के लिए आदिवासी लोगों तक पहुंच सके इसके लिए इसमें बहुत सारे कार्य कीऐ गए। इस योजना का मुख्य भरण पोषण कार्यक्रम पर भी था जिसमें बालकों को अच्छी शिक्षा और अच्छा खाना मिल सके।
आदिवासी बच्चों के लिए हर एक स्कूल में रखी जाती है और उन बच्चों को मुफ्त और अच्छी शिक्षा साथ-साथ उनके खाने का भी ध्यान रखा जाता है। आदिवासी लोगों को खाना अच्छा मिल सके इसलिए सस्ते दामों में दुकानों से राशन बांटने का काम इस योजना के अंतर्गत शुरू किया गया। यदि कोई आदिवासी कर्जा लेना चाहे तो भी इस योजना के तहत वह अपने हिसाब से कर्जा ले सकता है।

कृष्णा के अंतर्गत अन्य कई गांव आते हैं जोकि दुर्गम गांव घोषित किए गए हैं। जहां पर आने-जाने की सुविधा नहीं होती।इसके अंतर्गत मूवी गांव शामिल हुए हैं जिनमें कुपोषण का प्रमाण अधिक होता है। उनको अच्छा पोस्टिक का ना मिल सके ।बारिश की वजह से जिन गांवों में संपर्क टूट जाता है यानी आने-जाने की सुविधा नहीं रहते हैं उन गांवों को भी इस योजना में शामिल किया गया है।
गुमशुदा एवं स्वच्छ पानी की सुविधा नहीं होती उन गांव को भी इस योजना में शामिल करने का भारत सरकार का निर्णय वाकई में काबिले तारीफ है। हिंदी से गांव में प्राथमिक आरोग्य केंद्र और उपकेंद्र की सुविधा उपलब्ध की जाती है। इनमें से गांव में रोजगार की सुविधा दिलाने के लिए प्रयत्न किए जाते हैं।हिंदी से गांव में रोजगार मिलना बहुत ही कठिन होता है इसी नियम भारत सरकार उन्हें रोजगार प्रदान करने का प्रयास करती है।
आदिवासी लोगों का विकास हो यह नवसंजीवनी योजना का मुख्य उद्देश्य है और उन्हें भारत के आम नागरिक जैसे सुख सुविधा आसानी से और उनके जगह पर प्राप्त हो इसीलिए इस योजना का कार्य निरंतर चलता है।प्रादेशिक संस्था के दृष्टि से आदिवासी क्षेत्रों साधारण दुर्गम भाग में गिने जाते हैं इसलिए उन क्षेत्रों को वक्त पर आरोग्य सुविधा मिलने में हमेशा देवी होती है खासकर के बारिश के मौसम में जब आने-जाने की सुविधा नहीं रहते तब इन भागों में आरोग्य सुविधा नहीं पहुंच पाते इन सारी बातों पर ध्यान रखकर दुर्गम भागों में 1996 97 में बारिश के मौसम में आरोग्य सुविधा देने की जिम्मेदारी भारत सरकार ने अपने ऊपर ली।