जलयुक्त शिवार अभियान और उससे जुडी महत्वपूर्ण जानकारी
हेलो दोस्तों वेब रफ्तार पर आपका स्वागत है। आज हम आपको महाराष्ट्र शासन की (जलयुक्त शिवार अभियान) पानी से संबंधित महत्वपूर्ण योजना के बारे में जानकारी देने वाले हैं। यह योजना केवल महाराष्ट्र राज्य के लिए ही सीमित है।क्योंकि यह योजना महाराष्ट्र राज्य शासन ने महाराष्ट्र राज्य के लिए खास करके बनाई हुई है। जैसा कि हम सब जानते हैं हर एक राज्य अपने राज्य के लिए अलग-अलग योजनाएं बना सकता है। इसके लिए उन्हें केंद्र शासन से कोई मदद नहीं मिलती है।
महाराष्ट्र राजधानी अपने राज्य में पानी का बचाव करने के लिए और पानी हर जगह राज्य में हर किसी को आसानी से सही मात्रा में प्राप्त हो इसीलिए यह योजना खास करके बनाई गई है। जैसा कि हम सब जानते हैं पानी का महत्व क्या है, पानी हमेशा जीवन देता है पानी के सिवा कोई भी काम करना बहुत ही कठिन हो जाता है हर किसी उद्योग में घरेलू साधन में और खाना बनाते समय खेती करते समय और अन्य कई चीजों में पानी की आवश्यकता होती है।

यह पानी हमने अधिक मात्र में मिल सके और पानी को हम बचा सके इसलिए महाराष्ट्र सरकार नहीं इस योजना पर काम करना शुरू किया। बरसात के मौसम में पानी बहुत ज्यादा वेस्ट होता है इसलिए उस पानी का मनुष्य के जीवन में उपयोग नहीं हो पाता। इसी कारण पानी की समस्या और ज्यादा बढ़ जाती है।
यदि हमने बारिश के इस बह जाने वाले पानी को रोककर उसका उपयोग अपने दैनंदिन जीवन में कर लिया तो पानी की समस्या पर रोक लग सकती हैं यही सोच रखकर महाराष्ट्र शासन ने जल शिवार अभियान शुरू किया। आज हम आपको पानी की समस्या इसके उपाय और इसके नुकसान इसके फायदे के बारे में और ज्यादा जानकारी देने वाले है।

इसके साथ साथ हम आपको महाराष्ट्र शासन के जल शिवार अभियान के बारे में और ज्यादा जानकारी आगे देने वाले हैं इसीलिए इस पोस्ट को ध्यानपूर्वक और पूरा पढ़ें। जल यानी पानी ,पानी का हमारे जीवन में क्या महत्व है यह हमें स्कूल कॉलेज में भी पढ़ाया जाता है।
बचपन से हमें पानी को किस प्रकार बचाएं और पानी का उपयोग कम से कम करके पानी को कैसे संभाल पाए इसके बारे में स्कूल कॉलेज में हमेशा हमें पढ़ाई के द्वारे और हमारे बड़े बुजुर्गों द्वारा हमेशा हमें सिखाया जाता है।
पानी का महत्व जिस भी राज्य ने जान लिया वह राज्य हमेशा सुखमय और समृद्ध रह जाता है क्या हम सब जानते हैं। बचपन में हमारे स्कूल में हमें पर्यावरण नाम का एक विषय हमेशा रहा है। उस विषय का मुख्य पर हमेशा प्रदूषण पानी को बचाना और पेड़ लगाना इन पर रहा है। बचपन से ही हमें पानी के महत्व और उसको कैसे बचाया जाए इसके बारे में सिखाया जाता है। योजना भी उसी प्रकार का काम करती है।
कैसे हुई शुरुआत महाराष्ट्र के जलयुक्त शिवार अभियान
जलयुक्त शिवार अभियान की शुरुआत 5 दिसंबर 2014 में हुई थी। यह योजना कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बनाई गई थी। जैसा कि हम सब जानते हैं कांग्रेस सरकार हमेशा किसानों के प्रश्नों पर ज्यादा ध्यान देता है।

2014 में हुई कम बारिश के कारण महाराष्ट्र राज्य के काफी गांव में सुखा पढ़ा था। इस वजह से महाराष्ट्र राज्य के कई गांव में फसलों का बहुत बड़ा नुकसान होगा इसके कारण लोगों की फसलें तो बर्बाद हुई है बल्कि उन्हें मिलने वाला पीने का पानी भी कम पढ़ने लगा। महाराष्ट्र के आज भी कोई गांव में पानी की समस्या कायम है।
सही मात्रा में पीने का पानी पीने के लिए कई किलोमीटर दूर जाकर पानी भरना पड़ता है। इसके अन्य कई बहुत सारे कारण हैं। इन कारणों को ढूंढने के लिए और इसको रोकने के लिए यह योजना खास करके बनाई गई थी।

महाराष्ट्र राज्य में होने वाली बारिश की अनियमितता और सूखा पड़ने के कारण फसलों की बर्बादी हो रही थी। और कम बारिश के कारण होने वाले दुष्परिणाम भी पढ़ रहे थे। महाराष्ट्र में पानी की कमी महसूस हो रही थी। इसका ज्यादा नुकसान कृषि क्षेत्र पर हुआ था। राज्य में ८२ % कोरडवाहू जमीन होने के कारण यह सारी दुनिया बारिश के पानी पर अवलंबून होती है। बारिश ना आए दो उन में लगाई गई फसल बर्बाद हो जाती है। इस सब से बचने के लिए महाराष्ट्र शासन जल शिवार अभियान शुरू किया।
क्या है इस योजना का उद्देश्य और फायदे ?
इस योजना का उद्देश्य शाश्वत शेती करके 2019 तक महाराष्ट्र को पानी से टंचाई मुक्त राज्य बनाया जाए ऐसा था। बारिश है हुए पानी को खेतों के शिवार में ही रोककर पानी की मात्रा में सुधार लाया जाए। ऐसे जमीन के अंदर रहने वाले पानी की मात्रा बढ़ सकती है। और सिंचन सुविधा करने में किसानों को अधिक लाभ हो सकता है।

और यहां रुका हुआ पानी खेती के लिए भी उपयुक्त साबित हो सकता है। कैसे रोके गए पानी से जमीन के अंदर रहने वाले पानी की मात्रा बढ़ सकती है इससे गांव में रहने वाले कुएं में यहां खेतों में रहने वाले ट्यूबवेल को पानी हो सकता है जिससे गांव में पानी की समस्या कई मात्रा में हल हो सकती है।
और खेतों के लिए अधिक मात्रा में पानी उपलब्ध हो सकता है। महाराष्ट्र राज्य में होने वाली पानी की समस्या कुछ प्रतिशत कम होकर गांव के लोगों को राहत मिल सकती है। ऐसी बार में रोके गए पानी में बारिश के पानी से लेकर आने वाला मिट्टी का गाड़ अधिक मात्रा में होता है जो कि खेतों में डालने से मिट्टी की उपयोगिता और बढ़ सकती है जिससे किसानों को फसलों में अधिक मात्रा में उत्पादन प्राप्त होने में मदद मिल सकती है।

जल शिवार अभियान में ना केवल पानी को रोकने में ज्यादा ध्यान केंद्रित किया जाता है बल्कि रोके गए शिवार के आसपास पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने में भी मदद मिलती है। अगले वर्ष आने वाली बारिश को भी आकर्षित करके ज्यादा बारिश होने के लिए एक छोटा सा प्रयास भी साबित हो सकता है।
ऐसा कि हम सब जानते हैं जिस जगह ज्यादा पेड़ पौधे होते हैं बारिश भी उस जगह ज्यादा होती है। यह वेद वैज्ञानिकों का मानना सही साबित हुआ है इसीलिए पेड़ पौधे लगाने पर भी इस योजना का ज्यादा ध्यान होता है। इस योजना के अंतर्गत किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप 2015 से महाराष्ट्र में बारिश का प्रमाण अधिक बढ़ गया है यह बात इस योजना की सफलता का बयान करती है।