अपने नज़रिये को बदलना कैसे सीखें? जिससे जीवन को सफल बनाया जा सके।
दोस्तों आज हम आपको अपने नज़रिये को बदलना कैसे सीखें बताने जा रहे है। सबसे पहले आपको अपने खुद पर भरोसा रखना है। यह एक भरोसा ही आपको सफलता की ओर लेकर जाने का मार्ग हो सकता है। किसी भी नजरिये से अगर आप खुद को सफल बनाने की कोशिश करते हो तो आपको अपने अंदर की आवाज को पहचान दिलाना जरूरी है।
आज हम आपसे कुछ ऐसी बाते बताने जा रहे है जो आपको अपने नगरीय को बदलने मैं मदत कर सकते है।
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- अपनी बातों पर ध्यान रखना
- सच ओर झूठ समझ लेना
- किसी भी बारे मे विचार करना
- अपनी राय किसी को बताना
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अपनी बातों पर ध्यान रखना
अगर आप खुद पर भरोसा करना चाहते हो, तो सबसे पहिले आप कोई भी बात हो उस पर आपको ध्यान रखना है। ऐसा नही हो सकता कि आपको कुछ समझ न आये। पर ऐसा भी नही है कि आपको सब कुछ समझ मे आये। इसके लिए आपको अपनी बातों पर ध्यान रखना जरूरी है।
अपने नजरिये को बदलना है तो सबसे पहिले कुछ बाते समझ लेनी जरूरी होती है। जैसे कि, आप क्या बात कर रहे हो। किसी अनजान व्यक्ति से अगर आप बात करते हो तो सबसे पहिले आपको उस व्यक्ति का स्वभाव समझ लेना है।
जब आप बात करते हो तो आपको यह भी बात समझ लेनी है कि, व्यक्ति की रुचि किस विषय मे है। यह कुछ बाते है जो आपको अपने नजरिये से देखनी होती है। अगर वह व्यक्ति आपके बातों को समझ नही सकता तो आपको आपकी बाते किसी ओर तरीके से समझनी जरूरी है।
यह सब करते समय आपको अपने विचार शक्ति को भी बढ़ावा देनी की जरूरत होती है। जब आप ऐसा कुछ करते हो तो आपको खुद पर भरोसा हो जाता है। और आप अपने नजरिये को बदलने मैं किसी भी तरह का बदलाव महसूस नही करते हो।
सच ओर झूठ में फरक समझने के लिए नज़रिये को बदलना पड़ता है

यह एक ऐसा काम है जो आप समझ नही सकते हो। पर कभी कभी ऐसा भी होता है कि, आपके सामने यह भी विकल्प नही होता। आपको उसके बारे मे कुछ करना होता है। अपने नजरिये से उसका प्रमाण देखना होता है। ऐसे मैं अगर आप शांत मन से सोचने लगो तो आपको उसका कुछ प्रमाण मिल सकता है।
किसी भी बात का 3 मतलब या प्रमाण होता है। सच, झूठ और दोनों भी नही। पर तीसरा प्रमाण आपको जल्दी पता चल जाता है। उसका एक कारण भी है, आप उसके बारे मे ज्यादा नही सोचते हो। अगर आप किसी बारे मे सोचने लगते हो तो आपको पता चल सकता है। वह बात झूठ है या सच।
आपको अगर अपने नजरिये को बदलना है। तो किसी भी बात का गहराई से सोचना जरूरी है। जब आप उसकी गहराई तक जाते हो तो आपको उसका प्रमाण पता चल सकता है।
अपने मन को कभी उछलना ना दे। जब आपका मन आपके हातो मैं होता है तब आप खुद पर ज्यादा भरोसा करने लगते हो।
किसी भी बारे मे विचार करना जरुरी होता है

अगर आप अपने नजरिये को बदलने की कोशिश कर रहे हो तो आपको उसके बारे मे जरूर सोचना है। जैसे कि हमने पहिले देखा कि, किसी भी बात का प्रमाण निकलना जरूरी होता है। उसी तरह आपको अपने विचार का भी प्रमाण निकलना जरूरी होता है। आपको अपने विचार एक उच्च स्तर पर रखने है। किसी भी बात को अगर देखना है तो उसका एक अलग विचार करना जरूरी है।
हम कभी यह बात सोचते नही है कि, विचार करने से नजरिया कैसे बदलता है। पर आज हम आपसे कुछ उदाहरण देने जा रहे है। किसी जगह के बारे मे आपकी राय साही या गलत हो सकती है। जैसे हर किसी की होती है। पर अगर आप उसे अछेसे देख सको तो आपको यह बात पता चल सकती है। जैसै की, वह जगह क्यू बनाई गई। किस लिए बनाई है कब बनाई है यह कई सारे सवाल आप खुद से पूछ कर देख ले। उनका एक विचार अपने मन मे ले ले। जब आप ऐसा करते हो तो आपको उस जगह के बारे मे वही विचार हो सकता है। जो आपको हमेशा लगता है।
यह होता है किसी भी बारे मे विचार करना और अपने नजरिये को बदलना। जब आप ऐसा कुछ कर जाते हो तो आपको अपने आप पर भरोसा हो जाता है। और अच्छे काम आपकी ओर चले आते है।
अपनी राय किसी को बताने से नज़रिये को बदलना संभव होता है

अभी बताए गए सारे बातों को अगर आप ध्यान से देखने लगो तो आपको यह समझ आ सकता है कि, उसके कारण आपके नजरिये मैं बदलाव है। पर आपका नजरिया सही है या गलत है भी देखना जरूरी है। जब आप आपका विचार किसी ओर को बताने लगते हो तो उसे भी अपनी बात कहना का मौका दिया जाए। जब आप ऐसा कुछ करते हो तो आपको आपके विचार पर भी सोचना चाहिए।
ऐसा नही है कि आपकी राय सही ही हो। आप कुछ ऐसी बाते नजर अंदाज कर देते होंगे। पर आप जिसे आपके विचार बता रहे हो वह उसके बारे मे भी सोचने लगता है। किसी ओर की भी कुछ अलग राय सामने आती है। ऐसे मैं आपको दोनों के बारे मे सोचना है। और अपने आप से ही नजरिये को बदलना है।